महिला सशक्तिकरण को बहुत ही सरल शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि यह महिलाओं को शक्तिशाली बनाता है ताकि वे अपने जीवन से जुड़े सभी फैसले ले सकें और परिवार और समाज में अच्छी तरह रह सकें। महिलाएं विभिन्न भूमिकाओं को निभाते हुए किसी भी समाज का स्तंभ होती हैं। नारी, कोमलहृदय बेटियाँ, संवेदनशील माताएँ, समर्थ सहयोगी और अन्य हमारे चारों ओर बड़ी कुशलता और मृदुता के साथ अनेक भूमिकाएँ निभा रही हैं। लेकिन आज भी दुनिया के कई हिस्सों में समाज उनकी भूमिका की उपेक्षा करता है। नतीजतन, महिलाओं को व्यापक असमानता, उत्पीड़न, वित्तीय निर्भरता और अन्य सामाजिक बुराइयों का खामियाजा भुगतना पड़ता है। ये बंधन सदियों से महिलाओं को पेशेवर और व्यक्तिगत ऊंचाई हासिल करने से रोक रहे हैं। उन्हें समाज में एक न्यायोचित और सम्मानजनक स्थिति तक पहुँचाने के लिए, आर्ट ऑफ़ लिविंग ने महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों की शुरुआत की है जो विभिन्न पृष्ठभूमियों से महिलाओं के आत्म-सम्मान, आंतरिक शक्ति और रचनात्मकता को पोषित करने के लिए एक ठोस आधार प्रदान करते हैं। इस तरह स्थापित महिलाएं आज अपने कौशल, आत्मविश्वास और शिमहिला सशक्तिकरण: ==
महिला सशक्तिकरण को बहुत ही सरल शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि यह महिलाओं को शक्तिशाली बनाता है ताकि वे अपने जीवन से जुड़े सभी फैसले ले सकें और परिवार और समाज में अच्छी तरह रह सकें। महिलाएं विभिन्न भूमिकाओं को निभाते हुए किसी भी समाज का स्तंभ होती हैं। नारी, कोमलहृदय बेटियाँ, संवेदनशील माताएँ, समर्थ सहयोगी और अन्य हमारे चारों ओर बड़ी कुशलता और मृदुता के साथ अनेक भूमिकाएँ निभा रही हैं। लेकिन आज भी दुनिया के कई हिस्सों में समाज उनकी भूमिका की उपेक्षा करता है। नतीजतन, महिलाओं को व्यापक असमानता, उत्पीड़न, वित्तीय निर्भरता और अन्य सामाजिक बुराइयों का खामियाजा भुगतना पड़ता है। ये बंधन सदियों से महिलाओं को पेशेवर और व्यक्तिगत ऊंचाई हासिल करने से रोक रहे हैं। उन्हें समाज में एक न्यायोचित और सम्मानजनक स्थिति तक पहुँचाने के लिए, आर्ट ऑफ़ लिविंग ने महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों की शुरुआत की है जो विभिन्न पृष्ठभूमियों से महिलाओं के आत्म-सम्मान, आंतरिक शक्ति और रचनात्मकता को पोषित करने के लिए एक ठोस आधार प्रदान करते हैं। इस तरह स्थापित महिलाएं आज अपने कौशल, आत्मविश्वास और शिष्टता के दम पर दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है। वह आगे आकर शांति स्थापित कर रही हैं। और अपने परिवारों वह अन्य महिलाओं और समाज के लिए सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की अग्रदूत हैं। समाज में उनके वास्तविक अधिकारों को प्राप्त करने के लिए उन्हें सशक्त बनना ही महिला सशक्तिकरण है और यही हमारा लक्ष्य भी है।